आपको जान कर आश्चर्य होगा की आपके देश में एक ऐसा केंद्रीय यूनिवर्सिटी है,जहाँ लाइब्रेरी में पढने की मांग करने पर छात्रों को जेल भेजा जाता है और उनको निलंबित भी किया जाता है।
आप चौकिये मत ये सच्ची घटना है। आपको बता दे की इसी साल मई के महीने में बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में 20 से 25 छात्र भूख हड़ताल पर बैठे थे। वो भी क्यों ??
क्योंकि यूनिवर्सिटी का प्रशासन और VC इनको पढने के लिए लाइब्रेरी नहीं दे रहा था।
और तो और ऊपर से इनका निलंबन कर इनको रात 12 बजे 16 थानों की पुलिस बुलाकर गिरफ्तार करवा दिया।तब कुछ समय के लिए ये छात्र चुप बैठ गए।
आगे भी इन छात्रों ने लाइब्रेरी खुलवाने का प्रयास जारी रखा। लेकिन विश्वविदयालय में एक दिन कुछ हिंसक घटना होती है जिनका इन अहिंसक लाइब्रेरी आंदोलनरत छात्रों से कोइ वास्ता नहीं होता है। लेकिन अगले दिन क्या पता चलता है की लाइब्रेरी आन्दोलन से जुड़े छात्रों को पुनः निलंबित कर दिया गया है और उन पर 307 धारा लगा दिया गया है।आप समझ सकते की किस तरह( जिला और बी.एच.यू प्रशासन मिलकर )साजिश के तहत इन छात्रों को फसाया जाता है।
लाइब्रेरी मांगने की ये सजा। आज वो सभी छात्र इस घटना क्रम पर विश्वास नहीं कर पा रहे है। वो सभी मानसिक रूप से व्यथित है। उनको समझ में नहीं आ रहा है की उन्होने लाइब्रेरी मांग कर कितना बड़ा जुर्म कर दिया।
वो सब से यही सवाल करते फिर रहे है की क्या पढने के लिए लाइब्रेरी मांगना जुर्म है??
क्या सच बोलने पर 307 धारा लगती है। बचपन से हमे अपने हक के लिए लड़ने के लिए सिखाया जाता है। पर आज वो चीज़ कैसे गलत हो गयी?
येही सब सवाल आज उनके दिलों दिमाग में घूम रही है।
ऊपर से इनके समर्थन में (अर्थात इनके निलंबन और ipc धरा वापस लेने के लिए) आने वाले छात्र- छात्राओं को खुद प्रोफेसर लाठी और डंडे से पिट रहा है। और जिला प्रशासन भी इन सभी छात्रों को गिरफ्तार कर इनका भरपूर साथ दे रहा है।
ऐसा लग रहा है अब बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में गुंडा राज स्थापित हो गया है। ये निर्दोष और ईमानदार छात्र अब कहा जाय??
गौरतलब है की पार्लियामेंट में भी ये मुद्दा उठ चुका है पर इन छात्रों की सुध लेने वाला कोइ नज़र नहीं आ रहा है। अब तो इस देश की कानून व्यवस्था और लोकतंत्र पर भी सवाल उठ रहा है।
अब एक ही रास्ता नज़र आ रहा है वो है छात्र आन्दोलन। सभी देश के छात्रों का एकजुट होना होगा क्योकिं दमन हर कैंपस में हो रहा है बस मुद्दे अलग अलग है।