२७ मई ११ बजे को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीएचयू बनारस आगमन पर भगत सिंह छात्र मोर्चा और स्टूडेंट फॉर चेंज ने सहारनपुर में दलितों पर हुए हमले के विरोध में , पीड़ितों को न्याय देने और अपराधियों की गिरफ्तार करने की मांग को लेकर बीएचयू मुख्य द्वार पर धरना दिया . "योगी गो बैक" के जम कर नारे लगाए गए . इसके बाद पुलिस प्रशासन ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए छात्र-छात्राओं को बर्बर तरीके से घसीटा और ट्रक में ठूंस दिया. ट्रक में पुलिस ने बुरी तरीके से पीटा. बूट,मुक्कों,झापड़ व केहुनी से मारा. इसके साथ ही इनकाउंटर करने की धमकी दी. मां-बहन की गाली दी.और गुप्तांगों में पेट्रोल डालने व थूक कर चाटने की बात कही. हद तो यह हो गयी कि उसने कहा कि ये "सब ढोल-गंवार-शूद्र-पशु-नारी" वाले है. छात्राओं को कहा कि ये रंडी -वैश्या है. महिला कॉन्सटेबल होने के बावजूद भी पुलिस ने छात्राओं के साथ अभद्रता की और पीटा. यह सब करने वाला मुख्य रूप से लंका सब-इंसपेक्टर महेश मिश्रा था. गिरफ्तार होने वाले साथियों में मुख्य रूप से बीसीएम के युद्धेश,आरती,विनय,शैलेश एसएफसी से वंदना,इप्शिता आईसीएम से रितेश और आईसा से शक्ति शामिल थे. उसके तुरंत बाद रणनीतिक योजना के तहत बहुजन छात्र संगठन,अन्य संगठन व छात्र-छात्राओं ने दिन भर के लिए लंका थाना को घेर लिया. दबाव बनाने के बाद 2500 के निजी मुचलके पर रिहा किया गया . पुलिस अपने बचाव के लिए लापरवाही पूर्वक मेडिकल कराया. रिहा होने के बाद शाम को एक बार फिर महिला विरोधी - मनुवादी सब-इस्पेक्टर महेश मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग करते हुए लंका थाना को घेरा गया. बीएचयू छात्राओं को रंडी-वैश्या कहने व उनके साथ अभद्रता व मारपीट करने वाले महेश मिश्रा के खिलाफ ज्ञापन दिया गया. तब जाकर कहीं आंदोलन शांत हुआ. सहारनपुर पीड़ितों को न्याय दिलाने कि मांग पर इस गिरफ़्तारी के खिलाफ इलाहबाद विश्वविद्यालय में कैम्पस फॉर डेमोक्रेसी ने इलाहबाद में मुख्यमंत्री योगी का पुतला फूंका गया. इसके समर्थन में चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, पंजाब में भी स्टूडेंट्स फॉर सोसाइटी व पीएसयू ( ललकार ) ने प्रदर्शन किया. देश भर के सभी जनवाद पसंद संगठनो,नागरिकों ,बुद्धिजीवियों, पत्रकारों से बीसीएम व एसएफसी आह्वान करता है कि सहारनपुर में दलित उत्पीड़न के खिलाफ व ब्राम्हणवादी-सामंती राज्य के विरोध में आंदोलन को तेज करे. और इस गिरफ्तारी,मारपीट की निंदा करें व बीएचयू छात्रों को वैश्या कहने वाले एसआई महेश मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग पर समर्थन दे.
Sunday, May 28, 2017
यौन हिंसा और राजकीय हिंसा के खिलाफ महिलायंे WSS उत्तर प्रदेश
यौन हिंसा और राजकीय हिंसा के खिलाफ महिलायंे
WSS
उत्तर प्रदेश
हम डब्ल्यूएसएस के लोग कल बीएचयू की छात्राओं के साथ पुलिस द्वारा की गयी अभद्रता, लैंगिक धमकियों और गाली-गलौच की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। बीएचयू और आईआईटी की लड़कियों के साथ इस तरह का गैरकानूनी व्यवहार करने वाले थाना इंचार्ज महेश शर्मा की तत्काल बर्खास्तगी और उसके खिलाफ कार्यवाही करने की भी मांग करते हैं।
ज्ञात हो कि कल दिनांक 27 मई 2017 को जब मुख्यमंत्री बनारस के बीएचयू दौरे पर गये थे, तो भगत सिंह छात्र मोर्चा और बीएचयू आईआईटी के छात्र संगठन स्टूडेंट फॉर चेन्ज, एसएफसी ने सहारनपुर में दलितों पर हुए हमले और ज्यादती के खिलाफ बीएचयू गेट पर एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहा। छात्र छात्रायंे गेट पर प्लेकार्ड के साथ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, जब पुलिस ने इन्हें जबरन गाड़ी मंे ठूंस दिया, इनके साथ मारपीट की और भद्दी और अश्लील गालियों के साथ इन्हें ‘इनकाउण्टर’ कर देने की धमकी भी दी। प्रदर्शन कारी तीन छात्राओं को अश्लील गालियां दी। लंका थाना क्षेत्र के प्रभारी महेश मिश्रा ने महिला पुलिस कर्मी होने के बावजूद खुद इन्हें मारा, खींचा और गुप्तांगों में पेट्रोल डालने सहित बेहद गंदी भाषा में इन्हें धमकियां दीं। इन्हें ‘रंडी’, ‘वेश्या’ कहा। पुलिस की यह कार्यवाही सामंती, पितृसत्तात्मक, महिला विरोधी बेहद निंदनीय है।
सत्ता की संस्था द्वारा महिलाओं के साथ इस तरह का व्यवहार बेहद आपत्तिजनक और खतरनाक है। इस तरह की सोच वाले लोग पुलिस में होने के कारण ही देश व प्रदेश में महिलाओं का सम्मान और सुरक्षा दोनों पर हमले कम होने की बजाय बढ़ते ही जा रहे हैं। जब महिलाओं को सुरक्षा देने वाली राजकीय ताकतें महिलाओं के गुप्तांगों में पेट्रोल डालने की धमकी देंगे तो सड़क के लम्पटों और अपराधियों से वे महिलाओं को कैसे बचा सकते हैं, या महिलायें अपनी सुरक्षा के लिए इन पर कैसे भरोसा कर सकती हैं।
बनारस के लंका थाना क्षेत्र के प्रभारी महेश मिश्रा के इस कुकृत्य की हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। तथा मांग करते हैं कि उसे निलम्बित कर उसके खिलाफ कार्यवाही की जाय।
संयोजक
डल्यूएसएस
पद्मा सिंह संध्या पाण्डेय मुनीजा खान सीमा आजाद स्वाती आजाद
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