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Friday, November 22, 2013

छात्रों और कर्मचारियो कि मांगो को लेकर जुलूस व सभा

    गत २० नवम्बर को भगत सिंह छात्र मोर्चा (बीसीएम) के नेतृत्व में शाम ५ बजे मुख्य द्वार बीएचयू (लंका) से एक जुलूस निकला गया जो रविदास गेट होते हुए पुनः मुख्य द्वार पर आकर सभा में बदल गया |
 इस विरोध प्रदर्सन में छात्रों के विभिन्न समस्याओ को उठाया गया | जिसमें बीएचयू प्रशासन द्वारा ऑनलाइन फॉर्म भरने की व्यवस्था को लागू कर देने के बाद छात्रो को फॉर्म भरने में आ रही समस्याओ को उठाया गया | जिन छात्रों को  कंप्यूटर चलाने और अंग्रेजी भाषा का ज्ञान नहीं है | उन्हें फॉर्म भरने में बहुत साडी समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है | ग्रामीण तथा पिछड़े इलाको से आने वाले गरीब छात्रो को फॉर्म भरने में बहुत सारे पैसे खर्च करने  पड़ रहे  है | वही दूसरी तरफ साइबर कैफे में भीड़ होने से तथा ढेरो छात्रो द्वारा एक साथ फॉर्म भरने से सर्वर घंटो डाउन रहने की समस्या आ रही है | जिससे छात्रो का बहुत सारा पैसा और समय बर्बाद हो रहा है |
     बीसीएम द्वारा उठाये गए अन्य मांगों में  बाहर रहने वाले (डेलीगेसी) के छात्रो को (जिसमें खास तौर पर छित्तूपुर और सीर गोवर्धन के) बस सुविधा नहीं प्रदान किये जाने से छात्रो को कैम्पस में आने-जाने में परेशानी होती है और आने-जाने का किराया देना पड़ता है | जबकि विश्वविद्यालय द्वारा सभी छात्रो से इसकी फीस पहले ही जमा करा ली  जाती है |
    डेलीगेसी के छात्रो को आर्सेनिक जमा गन्दा पानी पीना पड़ रहा है | स्वच्छ पानी नहीं मिलने की वजह से आये दिन छात्र बीमार पड़ जाते है | उन्हें पानी के लिए बीएचयू के विभिन्न नजदीकी गेटो पर लगे नलकूपों पर जाना पड़ता है जहां पर छात्रो कि लम्बी लाइन लगी होती है |

   छात्रावासो के मेस व कैंटीनों में लगातार खाने कि गुणवत्ता में कमी की जा रही है और कीमतो को बढ़ाया जा रहा है | क्योकि बीएचयू प्रशासन खाने पर सब्सिडी प्रदान नहीं कर रहा है और मेस व कैंटीनों का निजीकरण कर रहा है |
      सर-सुन्दरलाल अस्पताल के नर्सिंग कर्मचारियो द्वारा अपनी मांगो को लेकर चलाये जा रहे आंदोलनो पर बीएचयू प्रशासन नोटिस भेज रहा है, धमका रहा है और उनका दमन कर रहा है |
    बीएचयू प्रशासन की निरंकुशता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भी विश्वविद्यालय में छात्रसंघ को बहाल नहीं किया गया | जो कि छात्रो के संवैधानिक,लोकतान्त्रिक अधिकारो का हनन है | छात्रो के लिए विश्वविद्यालय में कोई भी स्पेस एवं मंच नहीं है जहां वह अपनी मांगों व बातों को रख सके | जिससे छात्रो के सामाजिक,राजनितिक,सांस्कृतिक,वैज्ञानिक चेतना का विकास हो सके |
     
   सभा में अपनी बात रखते हुए 'उपाध्यक्ष' अजय कुमार ने कहा कि "विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह से निरंकुश हो गया है,छात्रो व कर्मचारियो कि एक भी मांगे नहीं मानी जा रही है" | जुलूस का नेतृत्व दिवेश ने व सभा का संचालन विनोद ने किया | मुख्य रूप से शुशील,काजू,नमो नारायण,नरेश राम,अनिल इत्यादि जुलूस में शामिल  रहे |

 इस विरोध प्रदर्शन के दौरान उठाई गयी मांगें -

१. हाथ से फॉर्म भरने कि ब्यवस्था को बहाल करो !
२. डेलीगेसी के छात्रों के लिए सीर एवं छित्तूपुर गेट तक बस सेवा प्रदान करो !
३. छित्तूपुर,सीर गेट पर पेयजल के लिए पर्याप्त नलकूपो कि व्यवस्था करो !
४. मेस व कैंटीनों के खाने कि गुणवत्ता में सुधर लाओ !,उचित सब्सिडी प्रदान करो !,कीमतो को कम करो !
५. सर-सुंदरलाल अस्पताल के नर्सिंग कर्मचारियो के आंदोलन पर दमन बंद करो !,उनकी मांगो को पूरा करो !
६. मुकम्मल छात्र संघ बहाल करो !
 
       

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