भगत सिंह छात्र मोर्चा का दूसरा एकदिवसीय सम्मलेन १५ नवम्बर २०१४ को सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया | जिसमे बीसीएम ने अपनी पुरानी १३ सदस्यीय कार्यकारिणी को भंगा किया और ११ सदस्यीय नई कार्यकारिणी कागठन किया | इसके आलावा कुछ नए पदाधिकारियों का चुनाव सर्वसम्मति से किया गया | जिससे की संगठन के काम-काज को और विस्तार दिया जा सके तथा आगे बढ़ाया जा सके |
भगत सिंह छात्र मोर्चा
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दूसरा सम्मलेन
15 nov 2014
15 nov 2014
इससे पहले सम्मलेन का शुरुआत करते हुए अध्यक्ष शैलेश ने अपने स्वागत भाषण में सम्मलेन में उपस्थित हुए अपने पुराने और नए सदस्यों का क्रन्तिकारी अभिवादन करते हुए संगठन के वर्तमान स्तिथि के बारे में सबको बताया | देश और कैम्पस के वर्तमान हालत पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि आज विकास के नाम पर भारत के दलाल शासक वर्ग देश के प्राकृतिक संसाधनो और शहरों को भी बहुराष्ट्रीय कम्पनियो के हवाले कर रहा है | पहले तो हमें एक ही ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने हमें गुलाम बनाया आज बहुत सारी बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ हमें गुलाम बनाने आ रही है | ऐसे समय में हमारे जैसे संगठनो कि जिम्मेदारी बहुत बढ़ जाती है | कि होम शासक वर्ग कि नीतिओं का पर्दाफास करे छात्रों और आम जनता को राजनीतिक रूप से सचेत ,जागरूक और संगठित करे तभी हम अपने देश को बचा सकते है और शहीद भगत सिंह के सपनो का भारत बना सकते है |
सम्मलेन के पहले सत्र शुरू होने से पहले मशाल सांस्कृतिक मंच के साथियों ने गीत गाकर सदस्यों का अभिवादन किया | इसके बाद इलाहबाद से आये आईसीएम के पूर्वअध्यक्ष व सामाजिक कार्यकर्ता विश्वविजय ने उद्घाटन भाषण दिया उन्होंने विकास के माडल पर अपनी बात रखते हुए मोदी सरकार के मेक इन इंडिया कि नीतियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि देश एक दूसरी गुलामी में प्रवेश करने जा रहा है | आज देश में जनविरोधी नीतियों के खिलाफ पुरे देश में जनता आंदोलित हो रही है | जिन्हे सरकार विकास विरोधी और देशद्रोही बता कर दमन कर रही है | हमें इन सब को भी छात्रों और बुद्धिजीवियों को बताना चाहिए | छात्रों और शिक्षको को जनता के बीच ले जाने की कोशिश बीसीएम को करना चाहिए |
सम्मलेन के पहले सत्र में साथी विनोद शंकर ने कार्यकारिणी की तरफ से बीसीएम की राजनीतिक-सांगठनिक रिपोर्ट पढ़ कर सुनाया | जिस पर सदस्यों ने अपनी बात रखते हुए कुछ कमियों और उपलब्धियों को बताया | इसके बाद घोषणापत्र-संविधान , मांगे व कार्यक्रम सदस्यों के बीच पढ़ा गया जिसे बहुमत से पास किया गया और सम्मलेन की अवधि को १ वर्ष से बढाकर दो वष कर दिया गया है | इसी बीच विभिन्न कारणों से संगठन छोड़कर जानेवाले सदस्यों और पदाधिकारियों का त्यागपत्र भी पढ़ कर सम्मलेन में सुनाया गया | दूसरे सत्र में नई कार्यकारिणी और नए पदाधिकारियों का चयन सर्वसम्मति से किया गया | जिसमें शैलेश (अध्यक्ष),आरती(उपाध्यक्ष),रितेश(सचिव),विनोद(सहसचिव),दिवेश(कोषाध्यक्ष),मनीष,धीरज,रोहित,शुशील,दुर्गेश,संतोष है |
अन्त में सम्मलेन ने कुछ राजनीतिक प्रस्ताव पास किया जिसमे मुख्यतः मुनाफा केंद्रित विकास के मॉडल का पर्दाफास करना और मानव केंद्रित विकास के मॉडल के लिए संघर्ष करना है,छात्र परिषद का पूर्णतः बहिष्कार करना और लिंगदोह के खिलाफ व मुकम्मल छात्रसंघ के लिए संघर्ष करना आदि प्रस्ताव लिए गए |
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