- बीएचयू प्रवेश परीक्षा में धांधली बंद करो !
- ऑफ़लाइन प्रवेश प्रक्रिया बहाल करो !!
आपको पता ही है कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को एक ब्राम्हणवादी हिन्दू विश्वविद्यालय बनाने का प्रयास किया जा रहा है | लेकिन अभी नई सरकार के आने पर इस विश्वविद्यालय को तेजी से साम्राज्यवाद,निजीकरण व ब्राम्हणवादी हिन्दुवाद का केंद्र बनाया जा रहा है | आपको यह भी पता होगा कि यहाँ का वीसी गिरीश चन्द्र त्रिपाठी (तथाकथित अर्थशात्री, पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के पैरोकार) आरएसएस के है |
इनकी नीतियों व कार्यो से कैम्पस में तानाशाही,अराजकता,भ्रष्टाचार व हिंदूवादी माहौल बढ़ रहा है | यह सब केवल ऐसे ही नहीं हो रहा है बल्कि बहुत ही संस्थागत तरीके से विभिन्न विभागों व पदो पर अपने तरह के लोगों कि नियुक्तिया कर रहा है | इसके लिए तो सायद वीसी ने कोई मीटिंग भी बुलाई थी | एक तरफ ये सारी चीजे तो हो रही है लेकिन दूसरी तरफ इसका साइड इफेक्ट भी कैम्पस व छात्रों पर पड़ना सुरु हो गया है | इसका एक ताजा उदहारण/घटना है एडमिसन प्रक्रिया में धांधली !
इनकी नीतियों व कार्यो से कैम्पस में तानाशाही,अराजकता,भ्रष्टाचार व हिंदूवादी माहौल बढ़ रहा है | यह सब केवल ऐसे ही नहीं हो रहा है बल्कि बहुत ही संस्थागत तरीके से विभिन्न विभागों व पदो पर अपने तरह के लोगों कि नियुक्तिया कर रहा है | इसके लिए तो सायद वीसी ने कोई मीटिंग भी बुलाई थी | एक तरफ ये सारी चीजे तो हो रही है लेकिन दूसरी तरफ इसका साइड इफेक्ट भी कैम्पस व छात्रों पर पड़ना सुरु हो गया है | इसका एक ताजा उदहारण/घटना है एडमिसन प्रक्रिया में धांधली !
बीएचयू एडमिसन प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है | जिसकी वजह से पिछले वर्ष पूरा सत्र ही लेट रहा और छात्रों को बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ा |ऑनलाइन करके पूरी ७० प्रतिशत गावों व अन्य गैर कम्प्यूटर शिक्षित आबादी को विश्वविद्यालयी शिक्षा से काट दिया गया है | इसके बाद भी इस वर्ष तो काउंसलिंग में सीटों को बेचा भी जा रहा है |अपने तरह के लोगों का चयन किया जा रहा है | यह सब करने का मुख्य साधन है ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया |
इसी तरह बीएफए की परीक्षा में एक थ्योरी और दो प्रक्टिकल पेपर होते है | प्रक्टिकल पेपर में छात्रों को गलत मार्क्स दिए गए है | यह मार्क्स पेन्सिल से अंकित किये गए है | यह लगातार अनुक्रमांक के एक साथ कई छात्रों के साथ हुआ | सभी छात्रों ने मिलकर ये मांग की कि प्रैक्टिकल का पुनर्मूल्यांकन हो , या फिर से परीक्षा कराया जाये और काउंसलिंग को रोक जाये | इसके लिए कोर्ट में भी अपील कि गयी है | अध्यापक बोल रहे है "मामले को दबा दो अपना रोल नंबर दो मै सही कर दूंगा | "
इस मामले को लेकर सभी छात्र-छात्राएं मुख्या द्वार बीएचयू पर क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठ गए | दूसरे दिन काउंसलिंग थी सभी छात्र विजुअल आर्ट्स फैकल्टी के अंदर धरने पर बैठ गए | जिसमे बीसीएम और आईसा भी शामिल था | बीएचयू प्रशासन ने धरने पर बैठे छात्रों से हाथा-पाई और गली गलौज सुरु कर दी | लाठिया भी चलायी जिसमे दो छात्रों को छोटे भी आई | अंततः प्रॉक्टोरियल बोर्ड कि गाड़ी में सभी छात्रों को ठूस दिया गया और उन्हें ले जाकर लंका थाने छोड़ा गया | जिसमे बीसीएम कि उपाध्यक्ष आरती,सह-सचिव विनोद व अन्य सदस्य मनीष,विनय ,सिद्धांत ,अनुपम शामिल थे |
देश में जब कंप्यूटर शिक्षा ८-१० प्रतिशत हो तो साडी चीज १०० प्रतिशत ऑनलाइन करना कहा का लोकतंत्र है | यह तानाशाही है , वेबसाइट पर आप कुछ भी कर सकते है और छात्र कुछ भी नहीं देख , कर सकता है | कोई पारदर्शिता नहीं कोई स्पेस नहीं | इंसान भी मशीन १० मिनट देर से आये अब नहीं हो सकता अपडेट हो गया है |
साथियों ,
भगत सिंह छात्र मोर्चा (बीसीएम) आपसे यह अपील करता है कि इस साजिश व धांधली का पर्दाफास करें और इस खबर से अन्य लोगों को वाकिफ होने में हमारी मदद करे !
- विश्वविद्यालय में चल रही साजिश व भ्रष्टाचार का पर्दाफास करो !
- वीसी गिरीश चन्द्र त्रिपाठी को बर्खास्त करो !!
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