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Tuesday, July 16, 2019

सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता मनिष और अमिता व पत्रकार रूपेश कुमार सिंह की रिहाई के लिए बनारस मे निकला जुलूस।

आज दिनांक 13 जुलाई को लंका गेट बीएचयू पर सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं की रिहाई के लिए,UAPA व NSA जैसे जन-द्रोही कानूनों को रद्द करने के लिए एवं सभी प्रकार के राजकीय दमन के खिलाफ एक मार्च और सभा का आयोजन किया गया था। तय समय के अनुसार सभा मे हिस्सा लेने और अपना प्रतिरोध जताने सभी साथी पहुँचे।




लेकिन उस जगह समय से पहले ही क़रीब 300 के आसपास पुलिसकर्मी पहुँचे हुए थे। जब हमने सभा की शुरुआत की तो 8 से 10 आरएसएस और abvp के लंपट वहाँ पर आकर जय श्री राम, नक्सलियों वापस जाओ, माँ-बहन की गालियां, माओवादियों वापस जाओ आदि नारे लगाकर हम सब से भिड़ने की कोशिश करने लगे। हम सब ने बिना रुके अपना कार्यक्रम जारी रखा और इंक़लाब ज़िंदाबाद, भगत सिंह-अम्बेडकर और बिरसा मुंडा की विरासत ज़िंदाबाद,सामाजिक कार्यकार्ताओं को रिहा करो,अमेरिका का दलाल आरएसएस/bjp मुर्दाबाद, जल-जंगल-जमीन की लड़ाई जिंदाबाद आदि नारे लागए। उसके बाद हमने अपना मार्च निकाला और रविदास गेट होते हुए नागरिक समाज में बैनर और नारों के बीच अपनी बात ले गयें। वापस हम सब ने लंका गेट पर आकर सभा कि जिसमें से भगत सिंह अम्बेडकर विचार मंच के श्री प्रकाश राय ने कहां कि आज संसद में विपक्ष खत्म हो गया है। आज इतना खराब माहौल बना दिया गया है हम सबको शांति से एक मीटिंग तक करने नहीं दिया जा रहा है। फासीवाद हम सबसे बोलने के अधिकार को भी छीन लेना चाहता है। इसलिए हम सबको इसी तरह संघर्ष के लिए लगातार सड़क पर आना पड़ेगा। वही रितेश विद्यार्थी ने कहा की आज की सरकार ने देश को कॉर्पोरेट के हाथों बेचने के तत्पर है।सरकार के द्वारा जारी इस लूट का पर्दाफाश करने वाले और किसान-मजदूर-दलित-महिला-आदिवासी के अधिकारों की बात करने वाले कार्यकर्ताओं को गैर-कानूनी रूप से जेलों में डाला जा रहा है।आरएसएस के लोग कल तक अंग्रेजो से लड़ने के बजाय उनके साथ गांठ करते थे और माफी तक मांगते रहे है और यही सब अमेरिका की दलाली कर देश का जल-जंगल-जमीन को बेच रहे है। और जो भगत सिंह-अशफाक उल्लाखाँ की विचारधारा पर चलने वाले लोगों है उनको देश द्रोही बताते  है। आज हमको चाहिए की देश के इन गद्दारों का पर्दाफाश करें और एक संयुक्त मोर्चा बनाकर फासीवाद को ध्वस्त करें।सभा में आल इंडिया सेकुलर फ्रंट की डॉ नूर फातिमा, प्रो मोहम्मद आरिफ, संजीव सिंह, मजदूर किसान एकता मंच के कन्हैया जी, स्टूडेन्ट फ़ॉर चेंज से वंदना ने अपनी बात रखी । अंत में सभी ने मिलकर "हर दिल में बगावत के शोलों को जला देंगे" गीत से अंत किया। कार्यक्रम का संचालन ऐपवा की कुसुम वर्मा ने किया।

इस कार्यक्रम में AIPWA, AISA, SFC, परिवर्तनकामी विद्यार्थी मोर्चा, आल इंडिया सेक्युलर फोरम, स्वराज इंडिया, भगत सिंह छात्र मोर्चा, मजदूर किसान एकता मंच ने भाग लिया।

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