अपने छह महीने के कार्यकाल में नरेंद्र मोदी सरकार पूरी तरह से कार्पोरेट घराने की दलाल साबित हुई है | इसका सबसे बड़ा प्रमाण भूमि अधिग्रहण कानून को अध्यादेश के द्वारा बदल कर पूरी तरह से जनविरोधी बना देना है | यह अध्यादेश कार्पोरेट घरानो को किसानों की जमीन कौड़ियों के भाव दे देने की साजिश के तहत लाया गया है |
जिसको लेकर पुरे देश में इस अध्यादेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं | यह कोई पहली बार जल-जंगल-जमीन लूटने की साजिश नहीं है बल्कि आज़ादी के बाद से ही भारतीय राज्य नागालैंड,कश्मीर,झारखंड,छत्तीसगढ़,महाराष्ट्र,आदि राज्यों में जल-जंगल-जमीन को बेतहासा लूटता व लूटवाता रहा है |
इसी क्रम में इस अध्यादेश के विरोध में भगत सिंह छात्र मोर्चा ने बीएचयू के मुख्य द्वार से एक जुलूस निकला और अस्सी घाट पर एक सभा का आयोजन किया | इस जुलूस में सैकड़ों की संख्या में छात्र-बुद्धिजीवी व मजदूर-किसानों ने भाग लिया | जुलूस में लोग "जान देंगे- जमीन नहीं देंगे" ,"जमीन हमारी आपकी- नहीं किसी के बाप की","भूमि अधिग्रहण अध्यादेश वापस लो " सरीखे नारे लगा रहे थे |
इसके बाद अस्सी घाट पर हुई सभा में इलाहबाद-मिर्जापुर,सोनभद्र में जल-जंगल-जमीन की लूट के खिलाफ संघर्षरत किसान नेता राजीव चंदेल,राम कैलास कुसवाहा,सुमन अवस्थी,गंभीरा प्रसाद आदि ने अपनी बात रखी | सभा में अपनी बात रखते हुए वक्ताओं ने कहा कि देशी-विदेशी पूंजीपतियों के हित में किसानों को उनकी जमीन से बेदखल करना सरासर अन्याय है | और यह भूमि अधिग्रहण अध्यादेश किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने दिया जायेगा |
सभा का संचालन वसीम अहमद ने किया | इसमें मशाल सांस्कृतिक मंच कि तरफ से कुछ क्रन्तिकारी गीत भी प्रस्तुत किये गए | इस सभा में मजदूर-किसान एकता मंच,मुसहर बस्ती संघर्ष समिति,रेहड़ी-पटरी गुमटी व्यवसायी संघर्ष समिति आदि सगठनों ने भी सिरकत किया |