गत 18 फरवरी 2015 को बीएचयू से से संबंधित कालेज (आर्य महिला पीजी कालेज, वसंता कालेज) की छात्राओं ने बीएचयू के मुख्य द्वार पर अपनी मांगों को लेकर धरना दिया। उनकी मुख्य मांगे थी कि उन्हें भी हेल्थ व लाईब्रेरी कार्ड की सुविधा प्रदान की जाये लेकिन बीएचयू प्रशासन ने उनसे बात करने के बजाय उन पर लाठीचार्ज कर अभद्रता से पेश आई।
इस घटना को लेकर भगत सिंह छात्र मोर्चा ने दिनांक 20 फरवरी 2015 को शाम 5 बजे बीएचयू के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन व सभा की। बीसीएम ने बीएचयू प्रशासन की कड़ी निंदा करते हुए आरोपी गार्डो़ं को निष्कासित करने की मांग की। संगठन ने उनकी मांगों को जायज ठहराते हुए कहा कि छात्रों की मांगे पूरी की जानी चाहिए।
संगठन के सह-सचिव विनोद शंकर ने कहा सभा में अपनी बात रखते हुए कहा कि "जब संबंधित कालेजों के छात्रों का एडमिसन बीएचयू प्रवेश परीक्षा के जरिये होता है और डिग्री भी बीएचयू की दी जाती है तो सुविधाओं देने में भेदभाव क्यों ? उन्होंने कहा कि छात्राओं के साथ मारपीट व बदसलूकी करना बीएचयू प्रशासन के सामंती व तानाशाहीपूर्ण रवैये का नतीजा है जो कि बेहद शर्मनाक है ।"
इसेक अलावा अध्यक्ष शैलेश कुमार ने भी इस तरह की व्यवस्था पर सवाल उठाया और कहा कि तरह का भेदभाव एक कॉलेज की बात नहीं है बल्कि पूरे देश में ऐसा हो रहा है। नव-उदारवादी नीतियों के तहत शिक्षा से सारी सरकारी सुविधाएं हटाई जा रही है, फीस बढ़ाई जा रही है और इसका निजीकरण किया जा रहा है और यह सब कालेजों के आत्मनिर्भर प्रबंधन के नाम पर किया जा रहा है। जबकि ऐसा पश्चिमी देश कभी नहीं करते हैं । यह केवल साम्राज्यवाद परस्त देश ही कर रहे है और टॉप विश्वविद्यालयो में कोई भी प्राईवेट विश्वविद्यालय नहीं है। इन तथ्यों को देखकर हैं इस पर विचार करने की जरुरत है ।"
इस क्रम में संदीप, नरेश राम, प्रदीप, आदि ने अपने विचार रखे। सभा का संचालन सिद्धांत ने किया । विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई और जांगायक युद्धेश के एक गीत के साथ प्रोटेस्ट का समापन हुआ।
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