तथा उलटा सीधा कहने लगे । और
बोल रहे थे कि बाहर निकल कर देख लेगें।
गौर करने वाली बात यह है कि वे लोग फोन पर लगातार BHU के
वि.सी. G.C.TRIPATHI से संपर्क में थे।साथ ही साथ इस एक घंटे
से
उपर के पूरे घटना में न तो कोई प्रोक्टोरियल बोर्ड से आता है ना ही
चिफराक्टर आते हैं।
इतने पर संदीप पान्डेंय ने लंका थाना और IIT-BHU के डायरेक्टर को
Phone किया । वहॉ पुलिस के आने पर प्रो. पान्डेय ने अपनी आपत्ती
अर्थाथ FIR दर्ज करायी ।तब जाकर मामला शांत हुआ।
साथियों,हम देख सकते है की नई सरकार के आने के बाद ,RSS
किस तरह शिक्षण संस्थानों में भी हस्तक्षेप कर रहा है ।और हम
देख सकते है किस तरह पूरा प्रशासन कठपुतली बन कर RSS के
इशारो पर काम कर रहा है।
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