पेरू की राजधानी लीमा के एक घर पर सुरक्षा एजेंसियों की नज़र थी। क्योकि वहाँ से आवश्यकता से अधिक कचरा निकल रहा था, जबकि उस घर मे सिर्फ एक महिला रहती थी। 12 सितंबर 1992 को इस घर पर रेड पड़ी और उस वक़्त दुनिया के सबसे सशक्त माओवादी आंदोलन के नेता चैयरमैन गोंजालो (Abimael Guzmán) को 6 अन्य कॉमरेडों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया।
जिस वक्त उन्हें गिरफ्तार किया गया, वे रणनीतिक प्रत्याक्रमण (strategic Offensive) की सैद्धान्तिक व व्यवहारिक तैयारी कर रहे थे। लगभग आधे पेरू पर 'शाइनिंग पाथ' (The Communist Party of Peru – Shining Path) का वर्चस्व स्थापित हो चुका था।
लेकिन अब युद्ध पेरू की प्रतिक्रियावादी फुजिमोरी (Alberto Fujimori) सरकार से नहीं बल्कि अमेरिका साम्राज्यवाद से था। अमेरिका किसी भी कीमत पर अपने पिछवाड़े दूसरा क्यूबा नहीं बनने देना चाहता था। अभी 'आतंक के खिलाफ युद्ध' का समय नहीं आया था। अमेरिका ने 'ड्रग्स के खिलाफ युद्ध' का बहाना लिया और गुपचुप तरीके से 'शाइनिंग पाथ' के खिलाफ अपनी सेना उतार दी।
1990 के बाद दुनिया बहुत तेजी से फासीवाद की तरफ बढ़ रही थी। यह 'निजीकरण-उदारीकरण-वैश्वीकरण का दौर था। यह 'इतिहास के अंत' का दौर था।
'इतिहास के अंत' वाले इसी दौर में गोंजालो के नेतृत्व में 'शाइनिंग पाथ' ने एक नया इतिहास लिखने की ठान ली। और यह नया इतिहास, जनता का इतिहास पेरू के ग्रामीण इलाकों में, शहरों की झुग्गी बस्तियों में आकार लेने लगा।
अमेरिका ने पेरू की प्रतिक्रियावादी सरकार के साथ मिलकर भले ही इस शानदार आंदोलन को कुचल दिया हो, लेकिन 'शाइनिंग पाथ' ने दिखा दिया कि इतिहास का अंत नहीं हुआ है और इस धरती पर शोषण विहीन दुनिया संभव है।
इसी शोषण विहीन दुनिया के सपने को जमीन पर उतारने का प्रयास करने वाले गोंजालो ने 29 साल पेरू की यातनादाई जेल काटने के बाद इसी माह 11 सितंबर को अंतिम सांस ली।
1992 में गोंजालो को गिरफ्तार करने के बाद गोंजालो और गोंजालो के बहाने दुनिया के क्रांतिकारियों को अपमानित करने के लिए पेरू सरकार ने गोंजालो को पिंजड़े में बंद करके मीडिया के सामने पेश किया। लेकिन गोंजालो ने बाजी पलट दी और इस पिंजड़े से उन्होंने दहाड़ते हुए कहा कि इतिहास के पथ पर यह महज एक मोड़ है और अंतिम जीत विश्व सर्वहारा की ही होगी। आखिर शेर जंगल मे हो या पिंजड़े में वो दहाड़ना थोड़ी भूल जाएगा।
गोंजालो की गिरफ्तारी पर बनी एक प्रतिक्रियावादी फ़िल्म 'The Last Hour' में पेरू का एक सुरक्षा अधिकारी अपने एक अधीनस्थ से कहता है कि गोंजालो इसलिए खतरनाक है क्योंकि वह न सिर्फ पेरू में क्रांति की बात करता है, बल्कि पूरे विश्व मे क्रांति की बात करता है।
इसी फिल्म में 'शाइनिंग पाथ' का एक कॉमरेड गोंजालो के बारे में कहता है कि गोंजालो ने हमे मौत को चुनौती देने के लिए प्रशिक्षित किया है।
दर्शन के इस प्रोफेसर की जिंदगी के प्रति जिजीविषा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपनी एक सहअभियुक्त (Elena Iparraguirre) से 2010 में 75 साल की उम्र में विवाह रचाया। इसके लिए गोंजालो ने लंबी भूख हड़ताल की। तब जाकर उन्हें शादी करने की इजाजत मिली। हालांकि उन्हें एक दिन भी साथ रहने का समय नहीं दिया गया।
अलविदा गोंजालो। तुम जैसे क्रांतिकारियों की शहादत से ही इतिहास का इंजन आगे बढ़ता है।
#मनीष आज़ाद