अपने देश में 28 राज्य है जहां 12th बोर्ड का अपना अलग-अलग सिलेबस होता है। देश के अधिकतर स्टूडेंट्स अपने स्टेट बोर्ड से पढ़कर 12th पास करते हैं। यानी कि उनकी पढ़ाई उनके राज्य के बोर्ड के सिलेबस के अनुसार होती है।
CUET ने घोषणा की है की इस परीक्षा में जो प्रश्न पूछे जाएंगे उनका सिलेबस NCERT आधारित होगा। यानी के देश के 28 राज्यों के 12th के सिलेबस से भिन्न।
जो स्टूडेंट्स CBSE बोर्ड( जिसका सिलेबस NCERT ही होता है) से या ऐसे स्कूल या बोर्ड से पढ़ेंगे जिनका सिलेबस NCERT आधारित होगा उनके लिए CUET काफी आसान होगा। या कहें कि उनका ही बोल बाला होगा।
इस तरह यह साफ़ ज़ाहिर है कि CUET किस तरह 28 राज्य के करोड़ो स्टूडेंट्स (जो 12th राज्य के बोर्ड से पास किया है,) के साथ भेदभाव करने जा रही है।
28 राज्यों से 12th पास करने वाले स्टूडेंट्स जिनका बोर्ड का सिलेबस NCERT आधारित नहीं होगा वो बीएचयू, जेएनयू व अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पढ़ने से वंचित कर दिए जाएंगे।
या फिर यह होगा कि सभी माता-पिता को मजबूरी में अपने बच्चों का दाखिला ऐसे स्कूलों में कराने को मजबूर होंगे जहां 12th का सिलेबस NCERT आधारित होगा। जाहिर सी बात इसके लिये उनको प्राइवेट स्कूलों (जहाँ महँगी फीस होंगी) की ओर देखना पड़ेगा। नहीं तो राजकीय बोर्ड से पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को साथ मे NCERT के सिलेबस को पढ़ना होगा।
हम सभी को पता है कि प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स पैसे वाले घरों से आते हैं और राजकीय बोर्ड में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स तुलनात्मक रूप से गरीब घरों से आते हैं।
इस तरह आप समझ सकतें हैं CUET व्यवस्था किस तरह पैसों वालों घरों से आने स्टूडेंट्स के लिए स्वर्ग और गरीब घरों से आने वाले स्टूडेंट्स के लिए नरक साबित होगा।
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