दिल्ली में नारीवादी संगठन पिंजरातोड़ के साथियों की गिरफ्तारी जिस तरह से फर्जी आरोप लगाकर की गयी है वह कोई नहीं बात नही है। एक तरफ दिल्ली में साम्प्रदायिक दंगे भड़काने वाले अनुराग ठाकुर और कपिल मिश्रा खूलेआम घूम रहे हैं, उनके ऊपर आजतक कोई कार्यवाही नहीं हुई है, वहीं महिलाओं, अल्पसंख्यकों, दलितों, मजदूरों आदि के लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए काम करने वाले लोगों को फर्जी आरोप में फंसा कर जेल भेजा जा रहा है।
उधर लॉकडाउन में गरीब मजदूर महिलायें-बच्चे हजारों किलोमीटर भूखे प्यासे पैदल चल रहे हैं। उनके ऊपर जहरीला केमिकल छिड़का जा रहा हैं, पुलिस लाठियां मार रही है,
सैकड़ो मजदूर रास्ते में दम तोड़ दे रहे हैं।
इन परिस्थितियों में फासीवादी भाजपा सरकार व भारत की व्यवस्था का अमानवीय और क्रूर चेहरा बेनकाब हो गया है। जो स्पष्ट रूप से गरीब, मजदूर, दलित, महिला और छात्र विरोधी है!
इसी लॉकडाउन में श्रम कानूनों को खत्म कर दिया गया है ताकि पुंजीपतियों को मजदूरों का खून चूसकर देश के संसाधनों को लूटने की खुली छूट दिया जा सके। जनता को कोरोना से बचाने के नाम पे उनके हक-अधिकार छीने जा रहे।
भगत सिंह छात्र मोर्चा पिंजरा तोड़ की सदस्य व नारीवादी कार्यकर्ता देवांगना और नताशा सहित सभी राजनीतिक कार्यकर्ताओं के गिरफ्तारी का विरोध करता है तथा उनकी अविलंब रिहाई की मांग करता है। हम इन सभी साथियों के साथ अपनी एकजुटता रखते हैं।
BCM सभी छात्र-छात्राओं,नौजवानों- युवाओं से आह्वान करता है कि एकजुट होकर इस दमनकारी सरकार व व्यवस्था के खिलाफ क्रान्तिकारी संघर्ष के लिए आगे आयें। संगठित होकर मजदूरों, गरीबों, अल्पसंख्यकों, दलितों के ऊपर हो रहे सरकारी दमन के खिलाफ संघर्ष में शामिल हों।
इंकलाब जिंदाबाद!!
24 मई 2020
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