आज दिनांक 21 अगस्त को BHU कैंपस में यौन हिंसा के खिलाफ़ छात्र-छात्राओं ने सेंट्रल ऑफिस में विरोध प्रदर्शन किया और वाइस चांसलर के नाम पर ज्ञापन सौंपा।
कुछ ही दिन पहले त्रिवेणी हॉस्टल की एक लड़की के साथ तीन लड़कों ने करीब आधे घंटे तक यौन हिंसा की और उसके दोस्त को भी पीटा।
इस घटना के दौरान और बाद में प्रॉक्ट्रियल बोर्ड का बेहद ढीला और असंवेदनशील रवैया देखने को मिला।
यह केवल एक घटना ही नहीं, कैंपस में लगातार ऐसी घटनाएं होती आ रही हैं ,कुछ मामले सामने आते हैं कुछ नही ।
आए दिन सड़क पर लंपट लड़के लड़कियों पर अश्लील कमेंट करते हैं । लड़कियों के साथ छेड़खानी करते हैं । प्रशासन सुरक्षा देना तो दूर यौन हिंसा करने वाले लोगों पर कोई कार्यवाही नहीं करता है ।
प्रशासन को यह पूरी जिम्मेदारी है कि विश्विद्यालय में पढ़ने वाले हर विद्यार्थी की सुरक्षा की जिम्मेदारी ले । परंतु इसके उलट सत्ताधारी पार्टी के चमचे जो आए दिन यौन हिंसा जैसी घटिया हरकतों में लिप्त है, उनके बारे में जानते हुए भी यह दलाल प्रशासन उन्हें बचाता है।
अपनी बात रखते हुए छात्राओं ने कहा कि बीएचयू देश में तीसरी रैंक यूनिवर्सिटी होने के बावजूद महिला सुरक्षा के नाम पर बहुत पिछड़ा है।
इस मुद्दे पर भले ही एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया हो परंतु हमारा आंदोलन केवल इस मुद्दे पर न्याय मांगने के लिए नहीं अपितु कैंपस में आए दिन हो रही यौन हिंसा की घटनाओं को खत्म करने के लिए और महिलाओं के लिए एक सुरक्षित माहौल बनाने के लिए व प्रशासन को उसकी जिम्मेदारी का एहसास कराने के लिए करना जरूरी है।
प्रशासन और सरकार महिला सुरक्षा का झूठा स्वांग रचना छोड़ दे । जिन पार्टियों के नेता अपने तमाम भाषणों में महिला सशक्तिकरण का इस्तेमाल करते है उसी के नेता और छात्र संगठन बलात्कार और छेड़खानी जैसे मामलों में शामिल होते हैं । छात्राओं ने बीएचयू प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर वे यौनिक हिंसा को रोकने की बात को गंभीरता से नही लेते हैं तो स्टूडेंट्स 2017 वाले आंदोलन से भी बड़ा आंदोलन खड़ा करने को मजबूर होंगे ।
विरोध प्रदर्शन में पूजा, शुभम, राधिका, योगेश , चंदन, अभिषेक, आकांक्षा, इप्शिता, कमल, राकेश, सुमित, खेता, अवनीश शामिल हुए ।
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